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Writer's picturePraveen Dhurve

सूदखोरों की वजह से गई पूर्व सरपंच की जान सुसाइड नोट में तीन को ठहराया मौत का जिम्मेदार समाजसेवियों ने की आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग

बैतूल। युवा आदिवासी विकास संगठन के जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह इवने के नेतृत्व में सोमवार को ग्राम पंचायत सेहरा के ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने पूर्व सरपंच मकल सिंह धुर्वे की आत्महत्या के मामले में जिम्मेदार तीन आरोपियों पर सख्त कार्रवाई और उनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। मकल सिंह धुर्वे, जो ग्राम सेहरा के पूर्व सरपंच थे, ने 14 अक्टूबर को कर्ज से परेशान होकर फांसी लगा ली।


सुसाइड नोट में किए तीन लोगों के नाम उजागर

मकल सिंह ने अपने सुसाइड नोट में स्पष्ट रूप से लिखा कि मलाजपुर के हरीश यादव, चिचोली के पप्पू जायसवाल और सलीम खान द्वारा उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था। इनकी लगातार प्रताड़ना के कारण ही उन्हें आत्महत्या का कदम उठाना पड़ा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ये तीनों आरोपी मकल सिंह से लगातार कर्ज के नाम पर भारी ब्याज की मांग कर रहे थे।


जमीन बिकवाने पर मजबूर, ब्याजखोरों ने नहीं छोड़ी कोई कसर

हरीश यादव ने मकल सिंह से सूद समेत पैसे वसूलने के बाद भी 1,50,000 रुपए और मांगे। इतना ही नहीं, एक एकड़ बीस डिसमिल जमीन भी बिकवा दी गई। मकल सिंह ने 11 अप्रैल को फोन पे के जरिए 28,000 रुपए और 20 सितंबर को 26,000 रुपए ट्रांसफर किए थे, इसके बावजूद हरीश यादव की मांगें खत्म नहीं हो रही थीं।

पप्पू जायसवाल ने कोर्ट में केस की धमकी देकर मांगे पैसे

दूसरे आरोपी पप्पू जायसवाल से जुड़ी जानकारी देते हुए वरिष्ठ समाजसेवी हेमंत सरियाम ने बताया कि कर्ज चुकाने के बावजूद पप्पू जायसवाल मकल सिंह से 1,20,000 रुपए ब्याज के नाम पर मांग रहा था। वाट्सएप पर वह धमकी देता था कि अगर पैसे नहीं दिए तो वह कोर्ट में केस डाल देगा। लगातार धमकियों से मकल सिंह मानसिक तनाव में थे।


सलीम खान भी नहीं लौटा रहा था पैसे

तीसरे आरोपी सलीम खान के बारे में सरपंच संघ अध्यक्ष यशवंत सिंह धुर्वे ने बताया कि मकल सिंह को सलीम से 1,10,000 रुपए लेने थे, लेकिन वह पैसे नहीं दे रहा था। मकल सिंह पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा था, जिससे वह और अधिक परेशान हो गए थे।


ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक से की त्वरित कार्रवाई की मांग

मकल सिंह की मौत के बाद ग्रामीणों और उनके परिवार ने पुलिस से आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है। इस दौरान मृतक की पत्नी ममता धुर्वे, वरिष्ठ समाजसेवी हेमंत सरियाम, शाहपुर सरपंच संघ अध्यक्ष यशवंत सिंह धुर्वे, शितलझिरी के सरपंच, केसिया के सरपंच, थावड़ी के सरपंच विजय धुर्वे, अजित सिंह उइके, गोटू उइके, गुड्डू उइके, गुट्टू धुर्वे, मुकेश धुर्वे, योगेश धुर्वे, पूरण धुर्वे, राकेश धुर्वे और रामदास उइके सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।


पेसा कानून की अनदेखी

युवा आदिवासी विकास संगठन के जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह इवने ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में पेसा कानून नाम मात्र का रह गया है। बिना लाइसेंस के सूदखोर मनमाने तरीके से ऊंची ब्याज दर पर पैसे दे रहे हैं और लोग मानसिक तनाव में आ रहे हैं। पेसा कानून के तहत कोई भी व्यक्ति बिना ग्राम सभा और अनुविभागीय अधिकारी की अनुमति के ब्याज का काम नहीं कर सकता, लेकिन प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इवने ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में ऐसे सूदखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।


सरकार और प्रशासन की लापरवाही

जितेंद्र सिंह इवने ने कहा कि प्रशासन की उदासीनता के कारण ही सूदखोर आदिवासी क्षेत्रों में लोगों की जान ले रहे हैं। पेसा कानून लागू होने के बावजूद ब्याज पर पैसे देने वालों की मनमानी से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं।


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