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Writer's picturePraveen Dhurve

गोंडवाना साम्राज्य की महारानी वीरांगना रानी दुर्गावती मंडावी की 500 वी जयंती ऑडिटोरियम स्थित रानी दुर्गावती प्रांगण में मनाई गई

बैतूल - समस्त आदिवासी समाज संगठन,आकास संगठन के तत्वावधान में गोंडवाना साम्राज्य की महारानी वीरांगना रानी दुर्गावती मंडावी की 500 वी जयंती ऑडिटोरियम स्थित रानी दुर्गावती प्रांगण में मनाई गई। सर्वप्रथम रानी दुर्गावती मंडावी की प्रतिमा पर समस्त आदिवासी समाज संगठन के जिला अध्यक्ष सुंदरलाल उइके एवं अन्य सभी वरिष्ठ सामाजिक गणों ,युवाओं द्वारा रानी दुर्गावती मंडावी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प गुच्छ अर्पित किए


उसके बाद आकास संगठन के कार्यकारी जिला अध्यक्ष संजय धुर्वे खैरवाड़ा की माता जी के निधन होने पर सभी सामाजिक बंधुओं ने दो मिनट का मौन रखकर पेनजीवा की शांति के लिए मौन धारण किया। समस्त आदिवासी समाज संगठन जिला अध्यक्ष सुंदरलाल उइके ने बताया कि रानी दुर्गावती का साहस नारीशक्ति के लिए प्रेरणा दायक है जिन्होंने अपने जीवन में 14 वर्षों तक सफलता पूर्वक स्वतंत्र शासन किया।


आकास संगठन जिला अध्यक्ष शंकर सिंह आहके ने कहा कि रानी दुर्गावती मंडावी कालिंजर के राजा कीरत सिंह की पुत्री और गोंड राजा दलपत शाह की पत्नी थीं । इनका राज्य क्षेत्र दूर-दूर तक फैला था ।

आकास के प्रांतीय महासचिव सरवन मरकाम ने बताया कि रानी दुर्गावती मंडावी का जन्म चंदेल राजा कीरत राय ( कीर्तिसिंह चंदेल ) के परिवार में कालिंजर के किले में 5 अक्टूबर 1524 में हुआ था । राजा कीरत राय की पुत्री का जन्म दुर्गा अष्टमी के दिन होने के कारण उसका नाम दुर्गावती रखा गया । वर्तमान में कालिंजर उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले में आता है । इनके पिता राजा कीरत राय का नाम बड़े ही सम्मान से लिया जाता था।


युवा आदिवासी विकास संगठन पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश कुमार धुर्वे ने बताया कि रानी दुर्गावती मंडावी की राजधानी सिंगोरगढ़ थी । वर्तमान में जबलपुर-दमोह मार्ग पर स्थित ग्राम सिंग्रामपुर में रानी दुर्गावती मंडावी की प्रतिमा से छः किलोमीटर दूर स्थित सिंगोरगढ़ का किला बना हुआ है । सिंगोरगढ़ के अतिरिक्त मदन महल का किला और नरसिंहपुर का चौरागढ़ का किला रानी दुर्गावती मंडावी के राज्य के प्रमुख गढ़ों में से एक थे ।


इस अवसर पर समस्त आदिवासी समाज संगठन जिला अध्यक्ष सुंदरलाल उइके,आकास संगठन प्रांतीय महासचिव सरवन मरकाम , आकास जिला अध्यक्ष शंकर सिंह आहके, सोहनलाल धुर्वे, मेडिटेक के डायरेक्टर डॉ. राजा धुर्वे, पूर्व जिलाध्यक्ष युआवि राजेश कुमार धुर्वे, युवा आदिवासी विकास संगठन जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह इवने ,जिला उपाध्यक्ष अविनाश धुर्वे, वरिष्ठ समाजसेवी भोलाराम उइके,यूआवि जिला महासचिव रामदास उइके, अंकित कुमरे, संतोष धुर्वे, कमलेश उइके, विजय धुर्वे सरपंच, गीता उइके, आत्माराम मर्सकोले,

,समर सरियाम,अलकेश कवड़े, राजू उइके जयस नगर अध्यक्ष, प्रकाश मर्सकोले,सुरेश सलामे, सुभाष इवने, कमांडो एकेडमी के संचालक पवन कुमार आहके,शिवम कोलंकर, योगेश धुर्वे, यूआवि जिला मीडिया प्रभारी कानुलाल उइके, सोनू धुर्वे, ईश्वर मरकाम आदि मौजूद थे। कार्यक्रम में उपस्थित सभी सामाजिक बंधुओ को फल वितरण कर एवं कानुलाल उइके ने आभार व्यक्त कर समापन की घोषणा की गईं।


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